22 अगस्त 2024 को उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने आईआईएमटी लैडर बिजनेस फाउंडेशन (IIMT-LBF) में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन डिजिटल फोरेंसिक इंसिडेंट रिस्पांस (CoE-DFIR) का उद्घाटन किया। यह केंद्र उत्तर प्रदेश में डिजिटल फोरेंसिक विशेषज्ञता और साइबर सुरक्षा जागरूकता को बढ़ाने के लिए स्थापित किया गया है। फ्यूचर क्राइम रिसर्च फाउंडेशन (FCRF) के सहयोग से स्थापित इस केंद्र का उद्देश्य साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में अनुसंधान, प्रशिक्षण और व्यावहारिक एप्लिकेशन में योगदान देना है।
कार्यक्रम की शुरुआत प्रतिभागियों के पंजीकरण और स्वागत से हुई, जिसके बाद विभिन्न सम्मानित अतिथियों ने अपने विचार साझा किए। उद्घाटन सत्र में CoE-DFIR का औपचारिक शुभारंभ हुआ और साथ ही ‘साइबर सेफ उत्तर प्रदेश’ अभियान की शुरूआत की गई। इस अवसर पर केंद्र की प्रयोगशाला का दौरा भी किया गया।
मुख्य अतिथि दयाशंकर सिंह ने इस पहल की महत्वता पर जोर देते हुए कहा कि यह अभियान उत्तर प्रदेश के हर गांव तक पहुंचाना चाहिए, ताकि साइबर अपराध की बढ़ती समस्याओं को रोका जा सके और साइबर सुरक्षा का लाभ सभी को मिल सके। उन्होंने इस अभियान के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए निरंतर प्रयास की आवश्यकता की बात की।
पूर्व आईपीएस और FCRF के मुख्य सलाहकार प्रोफेसर त्रिवेणी सिंह ने ‘साइबर सेफ उत्तर प्रदेश’ अभियान के शुभारंभ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका उद्देश्य साइबर खतरों के प्रति जागरूकता फैलाना और राज्य की डिजिटल सुरक्षा को सुदृढ़ करना है। उन्होंने इस पहल को FCRF की उत्तर प्रदेश रणनीति का एक अभिन्न हिस्सा बताया।
आईआईएमटी ग्रुप ऑफ कॉलेज के प्रबंध निदेशक डॉ. मयंक अग्रवाल ने कानून प्रवर्तन एजेंसियों को उन्नत फॉरेंसिक और साइबर फॉरेंसिक तकनीकों से लैस करने के लिए आईआईएमटी की प्रतिबद्धता को दर्शाया। पेटीएम के मुख्य व्यवसाय अधिकारी अभय शर्मा ने FCRF के प्रयासों, विशेषकर ‘साइबर सेफ उत्तर प्रदेश’ अभियान के प्रति अपनी पूरी समर्थन व्यक्त की और पेटीएम की डिजिटल लेनदेन की सुरक्षा की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित किया।
कार्यक्रम में अन्य प्रमुख व्यक्तियों ने भी अपने विचार साझा किए, जैसे कि श्री अभिषेक सिंह (आईएएस), श्री बिनोद के. सिंह (आईपीएस), और एवीएम (डॉ.) देवेश वत्स (रिटायर्ड)।
कार्यक्रम का एक प्रमुख आकर्षण सर्टिफिकेट वितरण समारोह था, जिसमें 80 से अधिक प्रशिक्षुओं को DFIR प्रशिक्षण कार्यक्रम के सफल समापन पर सम्मानित किया गया। ये प्रशिक्षु अब साइबर अपराध के खिलाफ लड़ाई में सक्षम हैं।
अंत में, ‘साइबर सेफ उत्तर प्रदेश’ पहल के अगले चरण की घोषणा की गई, जिसमें 17 अक्टूबर को लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में अगला बड़ा आयोजन होगा। यह कार्यक्रम लॉन्च के बाद उत्पन्न उत्साह को बनाए रखने और पूरे राज्य में अभियान की पहुंच और प्रभाव को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगा।
इस प्रकार, ‘साइबर सेफ उत्तर प्रदेश’ अभियान उत्तर प्रदेश में साइबर सुरक्षा को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल डिजिटल फोरेंसिक विशेषज्ञता को बढ़ावा देगा बल्कि साइबर अपराध के खिलाफ राज्य की सुरक्षा को भी सुदृढ़ करेगा।